Gam Bhari
Shayari
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जबसे मिले है हम तुमसे हम,
सारे गम भुला दिया हमने।
खुशियाँ थी न नसीब में हमारी, फिर भी जीना सीखा दिया तुमने।
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दो कदम तो सब चल है पर,
ज़िन्दगी फार का साथ कोई नहीं निभाता।
अगर रो कर भुलाई जाती यादें,
तो हंस कर कोई गम न छुपाता।
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सूनी – सूनी रहो फूल हम खिला देंगे। आप हमारे संग मुस्कुराकर तोब देखो, आपका हर गम हम भुला देंगे।
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दोसरों की जुदाई का गम न करना,
दूर रहो तो भी दोस्ती कम न करना।
अगर मिले ज़िन्दगी के किसी मोड़ पर हम,
तो हमें देख कर अपनी आँखे बंद न करना।
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इस दुनिया में दोस्त कम मिलेंगे,
इस दुनिया में गम ही गम मिलेंगे।
जहाँ दुनिया नजर फेर लेगी,
उस मोड़ पे दोस्त तुमसे हम मिलेंगे।
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मुहब्बत के बीज बोकर फसल ए गम कटी। इसी अफ़सोस में हमने शेस जिन्दगी कटी।
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तेरी मासूमियत का मैं,कायल हो गया हूँ। जख्मी खाया प्यार में,मैं घायल हो गया हूँ।
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चाहे पानी में आग क्यों न लगा दूँ। जवानी दो दिनों की है मस्ती क्यों न कर लूँ।
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खुसी आपके लिए गम मेरे लिए,
ज़िंदगी आपके लिए मौत मेरे लिए।
मुस्कुराना आप के लिए आंसू मेरे लिए,
सब कुछ आपके लिए आप मेरे लिए।
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किसी भी मोड़ पर खुम आपको खोने नहीं देंगे,
जुदा होना भी चाहो चांदनी रातों में।
आएगी हमारी याद,
हामारी याद के वो पल सोने नहीं देगी।
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Thank You